इक आग सी सीने में लगाइ है बुजादे
इन शोलों को अब तुही बुजा कर दीखादे
अब तेरे सीवा किसकी तरफ हाथ बढाऐं
कुछ तुही करम करके मेरी आस जगादे
किस्मत की लकिरों ने मिलाया हमें यारो
मौसम का बहारों का हंसी दौर बनादे
महेके हुवे हालात मयस्सर हों खुशी के
तु दिल में हमारे तेरी चाहत को बसादे
जीने नहीं देती हमें अब याद तुम्हारी
बैचेनी सी कम करदे मेरी शाम सजादे
मासूम मोडासवी