अदावत का दामन जलाकर तो देखो,
नफरत का जज्बा मिटाकर तो देखो।
महोबत लमबा है जिंदगी का सफर,
कदम अपना आगे बढाकर तो देखो।
मिलेगी तुजे तेरी मन चाही सब मुरादे,
दिल मे तमन्ना तुम जगाकर तो देखो।
जमाना तेरा साथ देगा जरुर ,
नयी रस्म कोई तुम चलाकर तो देखो।
सफर अपना आसान करना है तो,
किसीको तो साथी बनाकर तो देखो।
है मुमकिन निकल आऐगा कोई रास्ता,
उन्हे हाल अपना तुम सुना कर तो देखो।
सुनेगी ये महेफिल तेरी बात मासूम ,
उल्फत का नग्मा तुम सुना कर तो देखो ।
मासूम मोडासवी