दिल तेरी महोबत में गीरफतार हुवा है
एये यार मेरे तुज से हमें प्यार हुवा है
जीस दिन से सनम तेरा दिदार हुवा है
कुरबत का तेरी दिल तलबगार हुवा है
तकदिर ने हमको नवाजा है खुशी से
तकदिर से ही राहत का ईजहार हुवा है
दामन ये तमन्ना के फुलों से भरा है
जब से हमारा कोइ गमख्वार हुवा है
लहेरों पे मसर्रत की बहे जाते है मासूम
हासिल जो हमें तेरा ये प्यार हुवा है
मासूम मोडासवी