इतना तेरे खयाल में डुबा रहा सदा
बनते बिगडते हाल में डुबा रहा सदा
तेरे करीब जिंदगी हंसती चला चली
तेरे बिछाये जाल में डुबा रहा सदा
आकर मेरी हयात को अबतो संवार दे
तेरी नजर की चाल में डुबा रहा सदा
चाहत का होसला मेरा छलता रहा मुजे
कितने हसीं सवाल में डुबा रहा सदा
तेरे बगेर जिंदगी ये सुनी लगे मुजे
काले बिखरते बाल में डुबा रहा सदा
बढती गई है तारिकी मासूम हयात की
मनके बढे मलाल में डुबा रहा सदा
– मासूम मोडासवी