“तुम ही हो मेरी माँ ”
जिन के आँचल की छाव में…..
बिता था मेरा पूरा जीवन मेरी माँ..
जिन की उँगली थामकर मेने…
घुमा था पूरा संसार मेरी माँ….
जो है प्रेम और करुणा की देवीके.
जैसी तेरी मूरत है मेरी माँ….
है जिसमे बसा मेरा पूरा संसार…
वो तुम ही हो मेरी माँ….
माँ बिना कैसा जीवन…???
मेरा तो पूरा जीवन ही तुम ही हो मेरी माँ….
तुम ही हो सबसे न्यारी मेरी माँ….
तुम ही हो सबसे प्यारी मेरी माँ…
तुम ही हो मेरी माँ…….
तुम ही हो मेरी माँ…….
– हेतल जोषी