तेरी खुशी पे अपनी खुशी कुरबान करुं,
हो तेरी नवाजिश में इतना अरमान करुं।
आई हे मुजे खुद लेके कहां चाहत की लगन,
ढुडुं में कहां किस किस की पहचान करुं।
दर दर भटका में तेरी दीद की हसरत दिल में लिये,
तुजो मिले तो दिल से में राहत का ऐलान करुं।
होश नहीं मदहोश नहीं तारी है दिवाना पन,
है किस्मत का खेल जीसे कैसे में आसान करुं।
तुम ही बताओ दुनिया में ऐसे जीते हैं मासूम,
ऐसे जीना है तो फिर क्युं खुद को पशेमान करुं।
मासूम मोडासवी