नजर ने धोके हजार खाये,
मगर नजर वो कहां बचाये।
अजब हमारा नसीब देखो,
कदम कदम पे अलमउठाये।
हवा शजर को गीरा न डाले,
खीजां उगलते मुहीब साये।
गरीब घरका जहीन बच्चा,
कदम कदम पे ठोकर खाये।
शजर खीजांकाअसीर होकर,
हवाकी जटको से न टुटजाये।
उमीद दर दर भटक रही है,
फरज करम का निखार पाये।
भरी तमन्ना मचल के मासूम,
नइ खुशी का जशन मनाये।
✍? मासूम मोडासवी