हर घर दीप जग मगाए तो दिवाली आयी हैं,
लक्ष्मी माता जब घर पर आये तो दिवाली आयी हैं!
दो पल के ही शोर से क्या हमें ख़ुशी मिलेंगी,
दिल के दिए जो मिल जाये तो दिवाली आयी हैं !
घर की साफ सफ़ाई से घर चमकाएँ तो दिवाली आयी हैं,
पकवान – मिठाई सब मिल कर खाएं तो दिवाली आयी हैं!
फटाकों से रोशनी तो होंगी लेकिन धुँआ भी होंगा,
दिए नफ़रत के बुज जाएँ तो दिवाली आयी हैं!
इस दिवाली सबके लिए यही सन्देश हैं की
इस दिवाली हम लक्ष्मी का स्वागत दियों के करे,
फटाकों के शोर और धुएं से नहीं
इस बार दिवाली प्रदुषण मुक्त मनायेंगे!