मरती हुई जमीन को बचाना पड़ा मुझे
बादल की तरह दस्त में आना पड़ा मुझे
वो कर नहीं रहा था मेरी बात का यकीन
फिर यूं हुआ कि मर के दिखाना पड़ा मुझे
उस अजनबी से हाथ मिलाने के वास्ते
महफिल में सब से हाथ मिलाना पड़ा मुझे
भूले से मेरी सिमत कोई देखता ना था
चेहरे पर एक जखम लगाना पड़ा मुझे
यादें थी दफन ऐसी की बाद अज़ फरोख्त भी
उस घर की देखभाल को जाना पड़ा मुझे
उस बेवफा की याद दिलाता था बार-बार
कल आईने पर हाथ उठाना पड़ा मुझे
ऐसे बिछड़ के उसने तो मर जाना था हसन
उसकी नजर में खुद को गिराना पड़ा मुझे
हसन अब्बासी