मन मेरा सीप है
इच्छाएं है मोती
स्वपनों की माला
आंखे रहती पिरोती।
घडकता दिल मेरा
देखे राह तेरी
आएगा जरूर
आश लगाए रहती।
अरे ओ बेवफा
दिल क्युं चूरा लिया
बस में नहीं अब मेरे
आंखे रहती बरसती।
प्यार मेरा है सच्चा
जैसे सीप का मोती
तेरे बगैर भी मैं
हालात को मात दूंगी।
— रसिक दवे।