हुवा सामना सख्त हालात का
अभी दौर जारी है सदमात का
जमाना मुखालिफ अगर हे रहे
हमें है सहारा तेरे साथ का
जुडा नाम उनका मेरे नाम से
मेरा उनसे रिश्ता है जज्बात का
अगर गमजदा जिंदगी हे तो क्या है
गम से तो नाता है दिन रात का
जमाने के जीने का मयार मासूम
नहीं है हमारे खयालात का
मासूम मोडासवी