इनका भेद बता मेरे अवधू । अच्छी करनी कर ले तू ।
डाली फूल जगत के माही । जहाँ देखा वहां तू का तू ।
हाथी में हाथी बन बैठो । चींटी में हैं छोटो तू ।
होय महावत ऊपर बैठे । हांकन वाला तू का तू ।
चोरों के संग चोरी करता । बदमाशों में भेड़ो तू ।
चोरी करके तू भग जावे । पकड़ने वाला तू का तू ।
दाता के संग दाता बन जावे । भिखारी में भेड़ों तू ।
मंगतो होकर मांगन लागे । देने वाला तू का तू ।
नर नारी में एक विराजे । दो दुनिया में दिसे क्यूँ ।
बालक होकर रोवन लागे । रखन वाला तू का तू ।
जल थल जीव में तू ही विराजे । जहाँ देखूं वहां तू का तू ।
कहें कबीर सुनो भाई साधो । गुरु मिला हैं ज्यों का त्यों ।
– कबीर