क्या यह सोचा है कभी तुने किधर जायेगा ?
जब बुलंदी के सितारों से उतर जायेगा ।
देखकर टूटे खिलौनों को यही लगता है,
एक दिन आपका जी मुझसे भी भर जायेगा
यह मोहब्बत का असर है ज़रा सा सब्र रखो।
जाते जाते ही सही पर ये असर जायेगा
इतना आसान नहीं मुझ को भुला देना।
दोस्त तू मुझे साथ ही पायेगा जिधर जायेगा।
अकिब खान