लोग कहते हैं
खुद से प्यार करना सबसे आसान काम हैं
गलत!
में कहती हूं
यही तो दुनिया में सबसे मुश्किल काम हैं।
वो केसे????
शायद हमारी अच्छाइयां तो सब जानते हैं
पर हमारी बुराइयां हम से बेहतर किसे पता हैं?
फर्भी हम खुद को
सारी बुराइयों के साथ…कितना प्यार करते हैं।
हमारे दिल में कई राज़ छुपे होते हैं,
जो शायद हमारे सबसे करीबी को भी नहीं खबर।
कुछ बाते छुपी ही अच्छी होती हैं,
खुल जाए….तो बेड़ा गर्क समझो,
फिर भी खुद से प्यार क्या कम होता हैं?
हमारी खुली आदतें तो सब देख सकते हैं,
पर बंद दरवाजे के पीछे, हम केसे हैं
किसे क्या पता, वो तो केवल हमारा राज़ हैं।
फिर्भी हम अपने सबसे पसंदीदा व्यक्ति हैं।
अब पता चला?
क्यों खुद से प्यार करना
कितना मुश्किल काम है?
लेकिन लोग इसे सबसे आसानी से निभाते हैं।
परन्तु औरों से प्यार निभाना
इतना कठिन क्यों लगता हैं?
वे हमसे अलग हैं….
ये अंतर को सम्मान देना
क्या इतना जटिल काम हैं?
बात सिर्फ फर्क समजने की हैं,
जब हम अपनी सारी बुराइयों के साथ
खुद को बेइंतेहा प्यार करते हैं,
तो औरों को, उनके खामियों के साथ
इज्जत से अपना ना, कोनसी बड़ी बात है?
~ शमीम मर्चन्ट