तेरे पास होने का एहसास आज भी आया करता है,
जब जब मुझे लिखने का मन करता है।
दिल के जज्बात जब लफ्ज नहीं बनते,
तब उसे अल्फाज़ बनाने का मन करता है ।
अगर रूठ जाऊ तो मनाने तुम आ जाना,
बस उसी आस में सो जाने का मन करता है।
बहुत दूरी है तन से हमारे बीच में,
पर आज भी खुद में तुझे खोजने का मन करता है।
हैं तुम्हे भी मुझ से बेपनाह मोहब्बत,
इसी गलतफहमी में खो जाने का मन करता है।