काश कोई मिले दरोगा से,
कोई मेरा भी थाने में रपट लिखाए,
कभी माथे पर चूमा था मैने,
कभी जिसे चाहा था मैंने,
अखबारों में मेरे नाम से
कुछ ऐसे इश्तिहार दिलाए,
सांसे हो मद्धम मद्धम,
हो सीने में हल्की सी चुभन,
कमी खले मेरी ऐसी
मिज़ाज हो जाए नरम,
ढूंढे गलियाँ गलियाँ
कोई मेरे नाम मंदिर में दीपक जलाए,
काश कोई मुझे ढूंढे,
काश कोई मेरे लिए भी पछताये…