वो कल भी भूखा सोया था फुटपाथ में
अचानक खूब पटाखे चले रात में
झूमते चिल्लाते नाचते लोगों को देखा तो हर्षाया
पास बैठी ठिठुरती माँ के पास आया
बता न माई क्या हुआ है, क्या बात है
माँ बोली बेटा आज साल की आख़री रात है
कल नया साल आएगा
बेटा बोला माँ क्या होता है नया साल ?
अरे सो जा मेरे लाल
मैं भीख मांगती हूँ, तू हर रोज़ रोता है
साल क्या हम जैसो की ज़िन्दगी में कुछ भी नया नहीं होता है
सैलेश लोढा