चाहे कुछ भी हो जाए …..
हमें उनका साथ निभाना था ।
घाव भी गहरा था ।
दिल भी बहोत दुखता था ।
आईना भी बोलता था ।
सही हम नहीं तो गलत वो भी नई था ।
एक दूसरे से बिछड़ना था ।
और रिश्तों को समेटना भी था ।
सोचा था बताएंगे दर्द उनको पर ,इतना आसान भी नहीं था।
नहीं थे खुश हम , पर किरदार बदलना था ।
जुबा पे प्यार और दुआ में दर्द था ।
हर दिन मरते हुए जीना था ।
चाहे कुछ भी हो जाए …..
हमें उनका साथ निभाना था ।
मुसीबत में साथ खड़े थे
मुसीबत में साथ खड़े थे। सच मैं वो ही शख्स बड़े थे। उसकी ही कमजोर जड़े थी, जो रिश्ते कमजोर...