काश तुम ये तन्हाइयो के रास्तो मे साथ होते ।
ये शाम की खूबसूरती एक नजर से देख रहे होते ।
हर एक पल हम साथ मे जी रहे होते ।
ये अंधेरी रात मे हम एक दूसरे मे दुबे होते ।
उन सितारो के बीच हमारे खयालात होते ।
वो हर एक टूटे सितारे से हम दुआ माग रहे होते ।
उन गमगीन आसमान के नीचे हम खुश होते ।
यू हम महोब्बतो की महेफिलो मे साथ होते ।
उस चाई की चाहत पे हम नसे मे होते ।
काश ये हमारे सपने ना होते …।
– दिशा पटेल