एक पर्वाज़ दिखाई दी है
एक पर्वाज़ दिखाई दी है तेरी आवाज़ सुनाई दी है सिर्फ़ इक सफ़्हा पलट कर उस ने सारी बातों की ...
एक पर्वाज़ दिखाई दी है तेरी आवाज़ सुनाई दी है सिर्फ़ इक सफ़्हा पलट कर उस ने सारी बातों की ...
दिन कुछ ऐसे गुज़ारता है कोई जैसे एहसाँ उतारता है कोई दिल में कुछ यूँ सँभालता हूँ ग़म जैसे ज़ेवर ...
दिल ढूँढता है फिर वही फ़ुरसत के रात दिन - (२) बैठे रहे तसव्वुर-ए-जानाँ किये हुए दिल ढूँढता है फिर ...
हम को मन की शक्ति देना, मन विजय करें दूसरो की जय से पहले, ख़ुद को जय करें। भेद भाव ...
खुली किताब के सफ़्हे उलटते रहते हैं हवा चले न चले दिन पलटते रहते हैं ये रोटियाँ हैं ये सिक्के ...
आज बिछड़े हैं, कल का ड़र भी नहीं ज़िन्दगी इतनी मुख़्तसर भी नहीं ज़ख़्म दिखते नहीं अभी लेकिन ठंडे होंगे ...
देर तक बैठे हुए दोनों ने बारिश देखी... वो दिखाती थी मुझे बिजली के तारों पे लटकती हुई बूँदें जो ...
खाली कागज़ पे क्या तलाश करते हो? एक ख़ामोश-सा जवाब तो है। डाक से आया है तो कुछ कहा होगा ...
रात चुपचाप दबे पाँव चली जाती है रात ख़ामोश है रोती नहीं हँसती भी नहीं कांच का नीला सा गुम्बद ...
किताबें झाँकती है बंद अलमारी के शीशों से बड़ी हसरत से तकती है महीनों अब मुलाक़ातें नही होती जो शामें ...
હવે તો પાછો આવી જાને કાન્હા વાદો તારો નિભાવી જાને કાન્હા તે કીધું તું કે જન્મીશ હું યુગે યુગે સજ્જનો...
આજ મને મોરપીંછનાં શુકન થયાં, સખી…. ચપટી નીંદર વીણવા અમે ટેવનાં માર્યાઁ બોરડી કને ગયાં, સખી આજ મને મોરપીંછનાં શુકન...
દધીચી થકી જ વ્રજ થાય છે જે કરે છે તેની જ ફરજ થાય છે આદરનો મતલબ ગરજ થાય છે પ્રાણ...
પકડો કલમ ને કોઈ પળે, એમ પણ બને આ હાથ આખે આખો બળે, એમ પણ બને જ્યાં પહોંચવાની ઝંખના વરસોથી...
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