मिर्ज़ा ग़ालिब के 5 सदाबहार शेर और उनके मायने
तू मुझे भूल गया हो तो पता बतला दूं कभी फ़ितराक में तेरे कोई नख़्चीर भी था ऐसा लगता है ...
तू मुझे भूल गया हो तो पता बतला दूं कभी फ़ितराक में तेरे कोई नख़्चीर भी था ऐसा लगता है ...
वफ़ा के ज़िक्र में ग़ालिब मुझे गुमाँ हुआ वो दर्द इश्क़ वफाओं को खो चूका होगा , जो मेरे साथ ...
नुक्ता चीन है , गम -ऐ -दिल उस को सुनाये न बने क्या बने बात , जहाँ बात बनाये न ...
कोई , दिन , गैर ज़िंदगानी और है अपने जी में हमने ठानी और है . आतशे – दोज़ख में ...
हज़ारों ख्वाहिशें ऐसी के हर ख्वाहिश पे दम निकले बहुत निकले मेरे अरमान लेकिन फिर भी कम निकले डरे क्यूँ ...
कोई दिन गर ज़िंदगानी और है अपने जी में हमने ठानी और है आतिश -ऐ -दोज़ख में ये गर्मी कहाँ ...
मैं उन्हें छेड़ूँ और कुछ न कहें चल निकलते जो में पिए होते क़हर हो या भला हो , जो ...
दिया है दिल अगर उस को , बशर है क्या कहिये हुआ रक़ीब तो वो , नामाबर है , क्या ...
રાત જશેને સવાર આવશે , માની લઉ હું ? વરસ નવું દમદાર આવશે , માની લઉ હું ? સૂરજને હું...
માનવનો દેહ લઈને, માનવ બની શક્યો કે? સૌને પૂછે ભલે તું, ખુદને પૂછી શક્યો કે? તારી જ આજુબાજુ, લાખ્ખો રડી...
બાપ્પા નો થાળ.... બાપ્પા ઓ બાપ્પા, ગણપતિ બાપ્પા, જમવા પધારો, ગણપતિ બાપ્પા... છપ્પન ભોગ છે, એમાં મારો પ્રેમ છે, વિધ...
મિત્રો છે પદ મીરાંના મિત્રો ભજન પ્રભાતી મિત્રોના દમ ઉપર છે અણનમ અમારી છાતી મિત્રોએ સાચવ્યો છે લથડી પડયો હું...
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